विद्युत चुंबकीय विकिरण क्या है किसे कहते हैं What Is Electromagnetic Radiation In Hindi
आज के इस लेख में विद्युत चुंबकीय विकिरण क्या है? किसे कहते हैं यानी what is electromagnetic radiation in hindi से संबंधित जानकारी लेकर आया हूं, बताएगा इसकी परिभाषा व किस्से प्रदर्शित करते है।विद्युत चुंबकीय विकिरण क्या है- What Is Electromagnetic Radiation In Hindi
यह शून्य (स्पेस) और अन्य माध्यमों से स्वयं प्रसारित तरंग होती है। इसे प्रकाश भी कहा जाता है लेकिन वास्तव में प्रकाश, विद्युतचुंबकीय विकिरण का एक छोटा सा भाग माना गया हैं। गामा-किरण, रेडियो तरंगे, दृष्य प्रकाश, एक्स-किरण इत्यादि सभी विद्युत चुंबकीय तरंगे हैं।विद्युत चुम्बकीय विकिरण की विशेषताएँ in hindi
1] विद्युत चुम्बकीय विकिरण एक अनुप्रस्थ तरंग है। (जबकि ध्वनि एक अनुदैर्घ्य यांत्रिक तरंग है।)2] विद्युत चुम्बकीय विकिरण का अस्तित्व विद्युत क्षेत्र और चुंबकीय क्षेत्र के दोलन के कारण होता है।
3] इसमें विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत दोलन करते हैं।
4] विद्युत एवं चुंबकत्व दोनों ही विद्युतचुंबकीय प्रभाव हैं।
5] अन्य माध्यमों में इसकी चाल शून्य में इसकी चाल से कम होती है।
6] शून्य अथवा निर्वात में प्रकाश का वेग लगभग 3 लाख किमी/से (299,800 किमी/सेकेण्ड) होता है। जो एक नियतांक है। कोई भी वस्तु इससे अधिक वेग से गति नहीं कर सकती।
• विज्ञान किसे कहते हैं सभी शाखाएं एक साथ वर्णित7] विद्युत चुंबकीय तरंग के संचरण की दिशा विद्युत एवं चुंबकीय क्षेत्र के लम्बवत होती है।
8] मानव की आँखें, विद्युत चुंबकीय विकिरण के जिस भाग के प्रति संवेदनशील होती हैं उसे दृष्य प्रकाश कहा जाता है। दृष्य प्रकाश की तरंगदैर्घ्य 4000 एंगस्ट्राम से 8000 एंगस्ट्राम तक होती है।
9] विद्युत चुम्बकीय विकिरण का संचरण के लिये किसी माध्यम का होना आवश्यक नहीं है। यह शून्य अथवा निर्वात में भी चल सकता है। (जबकि ध्वनि के लिये माध्यम आवश्यक है।)
विद्युत चुंबकीय विकिरण में ऊर्जा एवं संवेग भी होते हैं। जब ये तरंगे किसी पदार्थ से अनुक्रिया करती हैं। तो पदार्थ के अणुओं (परमाणुओं अथवा एलेक्ट्रान) को यह ऊर्जा अथवा संवेग प्रदान करती हैं।
इस विकिरण के दृष्य प्रकाश के अतिरिक्त अन्य विकिरणों का उपयोग कुछ ही दशकों से प्रारंभ हुआ है। मानव जब भी किसी नये विकिरण का पता लगाता है, सभ्यता में एक क्रान्ति आ जाती है।
8] मानव की आँखें, विद्युत चुंबकीय विकिरण के जिस भाग के प्रति संवेदनशील होती हैं उसे दृष्य प्रकाश कहा जाता है। दृष्य प्रकाश की तरंगदैर्घ्य 4000 एंगस्ट्राम से 8000 एंगस्ट्राम तक होती है।
9] विद्युत चुम्बकीय विकिरण का संचरण के लिये किसी माध्यम का होना आवश्यक नहीं है। यह शून्य अथवा निर्वात में भी चल सकता है। (जबकि ध्वनि के लिये माध्यम आवश्यक है।)
विद्युत चुंबकीय विकिरण में ऊर्जा एवं संवेग भी होते हैं। जब ये तरंगे किसी पदार्थ से अनुक्रिया करती हैं। तो पदार्थ के अणुओं (परमाणुओं अथवा एलेक्ट्रान) को यह ऊर्जा अथवा संवेग प्रदान करती हैं।
इस विकिरण के दृष्य प्रकाश के अतिरिक्त अन्य विकिरणों का उपयोग कुछ ही दशकों से प्रारंभ हुआ है। मानव जब भी किसी नये विकिरण का पता लगाता है, सभ्यता में एक क्रान्ति आ जाती है।
विद्युत चुंबकीय विकिरण का वर्गीकरण
विद्युत चुंबकीय विकिरण का वर्गीकरण आवृत्ति के आधार पर होता है, क्योंकि आवृति के आधार पर इनके कुछ गुण प्रभावित होते हैं। आवृति के आधार पर निम्न प्रकार के वर्ग होते हैं—- रेडियो तरंग
- अतिसूक्ष्म तरंग
- पराबैंगनी विकिरण
- एक्स किरण
- गामा किरण
- टैरा हर्ट्ज़ विकिरण
- अधोरक्त विकिरण
- प्रत्यक्ष प्रकाश
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